Knowledge and Curriculum,ज्ञान एवं पाठ्यक्रम
भारतीय दृष्टिकोण की नजरिया से देखा जाए तो संस्कृत हमारे ज्ञान की भाषा थी जब तक हम दुनिया में विश्व गुरु बने रहे जैसे ही हमने अंग्रेजी का पीछा किया हम चीजों का पश्चिमी के दृष्टिकोण से ही समझने लगे अब समय गया है। कि हमारीयुवा पीढ़ी को अंतर विषयक ज्ञान के लिए प्रोत्साहित किया जाए वे आधुनिक विज्ञान के साथ प्राचीन ग्रंथों का भी अध्ययन करें अंग्रेजी के साथ संस्कृत को भी पढ़े ताकि भारतीय दृष्टिकोण से विज्ञान आधुनिक प्रबंधन को समझ सके। वेद दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रंथ है यूनेस्को ने भी इसको मान लिया है। इसके साथ-साथ देखा जाए तो भारतीय संस्कृति ने हमेशा स्त्री को भगवान का दर्जा दिया है, उन्हें भगवान से ऊपर माना है। लेकिन पश्चिमी के दार्शनिकों ने उसे एक उपभोग की वस्तु के रूप में ही प्रस्तुत किया है जिसका खामियाजा आज दुनिया की आधी आबादी को भुगतना पड़ रहा है।
चरक ऋषि ने दुनिया को औषधि विज्ञान के बारे में जागरूक किया उन्होंने सर्जरी राइनोप्लास्टी सिविल इंजीनियरिंग प्रबंधन और एवीएनशन के बारे में बताया उन्होंने कहा कि जो लोग दूसरे के सिर पर किसी और का सिर लगाने का मजाक उड़ाते थे पिछले साल अफ्रीका में इसी तरह एक व्यक्ति का सिर ट्रांसप्लांट किया गया और वह व्यक्ति अभी भी जीवित है। इससे प्रमाणित हो गया है कि सिर्फ ट्रांसप्लांट की बात जो ऋषि-मुनियों ने लिखी थी वह सही थी।
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